खड़े होकर लहरों के किनारे
पलटती कश्ती को देख मुँह मोड़ लो
तो आप भी दोषी हो
किसी चौराहे पर होती हत्या
लुटी आबरू को देख आगे बढ़ जाओ
तो आप भी दोषी हो
आइंस्टीन का विज्ञानं अशोक का इतिहास
पढने के बाद भी गलत देख ना बोलो
तो आप भी दोषी हो
दोषी थी कुरुसभा द्रौपदी चीरहरण के लिए
वैसे ही लुटते हुए इस देश के लिए
अपनी गलती दूसरों के सर मढने के लिए
आप सभी दोषी हो
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