मैं कुछ कहना चाहता था
पर कह ना पाया
में उस चाँद को छूना चाहता था
पर छू ना पाया
मैं उसे जी भर कर निहारना चाहता था
पर नजर भी उठा न पाया
मैं उसकी बातों में जिंदगी गुजरना चाहता था
पर उसकी हेल्लो का जवाब भी नही दे पाया
मैं अपने सपनो को हकीकत में चाहता था
पर बदल ना पाया
ये सब हुआ क्यूंकि
मैं उससे प्यार का इजहार करना चाहता था
पर वो भी ना कर पाया
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