Saturday, January 19, 2013

I Just want


I just want to sleep
but my eyes are still wide open
dreaming of her

I just want to relax
but my mind is still in chaos
waiting of her call

I just want to scream
but my tounge is still tied
expecting of her

I just want to express my love
but my heart is sinking
fearing of her denial

नाराजगी जायज है


हर किसी के नाराजगी के मायनों
 में अंतर होता है

कुछ लोगों की नाराजगी में
गुस्सा होता है

कुछ लोगों की नाराजगी में
इनकार होता है

कुछ लोगों की नाराजगी में
तकरार होती है

कुछ लोगों की नाराजगी में
दुविधा होती है

पर नाराजगी उन्ही से होती है
जिनकी हमें फिक्र होती है

नाराज होने वाले लोग
पर ये समझते क्यूँ नही
कि कहने वाले कि कोई मजबूरी थी
वरना वो हर बार ऐसी बात कहते तो नही !

ऊपर वाले की दुनिया


ऊँची इमारतों चमकते शीशों में बंद
एक दुनिया है
फुटपाथ के किनारे चिथड़ों में लिपटी
एक दुनिया है
दूरी है चंद क़दमों की
पर अंतर है युगों युगों  का
कहीं चाँद पर जाने की तैयारी है
कही भूख की बीमारी है
कही उचटती निगाहों से
कई सकुचाती निगाहों से भरी
एक दुनिया है
पर साँझ ढले हलके धुधलके में
निकलती है बच्चों की रेल दोनों दुनिया से
बनता है कोई गाडी और कोई सवारी
देख बच्चों की गाड़ी लगता है
शायद यही ऊपर वाले की दुनिया है !