Friday, November 9, 2012

इस उम्र में बचपन


आज  की इस दुनिया में
स्वार्थ की इस दौड़ में
खोकर अपनी मासूमियत
जिंदगी उम्र से पहले बड़ी हो जाती है !
इस समय इस उम्र में
तेरी बचपन जैसी मासूमियत
बच्चों जैसी हरकतें वो खिलखिलाहट
मुझे लुभाती है!
इस लुभावने स्वप्न में
तेरी ये ख़ूबसूरत आँखें
हाथों को थामकर चलने के लिए
मुझे बुलाती हैं !
पर जिंदगी के इस जंगल में
तुम्हारी यही मासूमियत
यही अनजानापन यही सादगी
मुझे डराती है !
फिर भी इन तपती राहों में
मेरी ये बेजार जिंदगी
तेरे बचपन की छाँव चाहती है !

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