आँखों से जो देखा
उसे भी मैंने माना नहीं
किसी ने जो कहा
उसे भी मैंने सुना नही
हर गलती उसकी
दिल में छुपती चली गयी
हर झूठी बात उसकी
मन को सच लगती रही
टूटा दिल आया यकीं
जिंदगी में उसकी
मैं तो था ही नहीं
एहसास हुआ आज
उसकी जिंदगी में
मैं तो था भीड़ का एक भाग
मैं ही खड़ा था उसके साथ
अकेला तनहा
उसे भी मैंने माना नहीं
किसी ने जो कहा
उसे भी मैंने सुना नही
हर गलती उसकी
दिल में छुपती चली गयी
हर झूठी बात उसकी
मन को सच लगती रही
टूटा दिल आया यकीं
जिंदगी में उसकी
मैं तो था ही नहीं
एहसास हुआ आज
उसकी जिंदगी में
मैं तो था भीड़ का एक भाग
मैं ही खड़ा था उसके साथ
अकेला तनहा
Chalo samaj to aayi duniyadari tujhe..
ReplyDeleteAbe tumhe bhi isi poem par comment karna tha
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