उसकी तस्वीर से निगाह हटाना
इतना मुश्किल क्यूँ है
इजहार - ए- इश्क करना
इतना मुश्किल क्यूँ है
उसकी हंसी को निहारना
इतना हसीं क्यूँ है
उसके साथ चले दो कदम
इतने हसीं क्यूँ है
किसी को भूल पाना
इतना मुश्किल क्यूँ है
छलकते आंसुओ को रोक पाना
इतना मुश्किल क्यूँ है
उसकी तस्वीरो को पलटना
इतना हसीं क्यूँ है
उसकी याद में खो जाना
इतना हसीं क्यूँ है
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